BA- 5TH SEM – IMPORANT QUESTION ANSWER
QUESTION – ANS
Dayananda Saraswati strongly opposed – All of the above.
Economic Nationalism in India during the Swadeshi Movement aimed at – Using Indian-made goods.
Muslim communalism in India was initially nurtured by which policy of the British government? – Divide and Rule.
The All India Muslim League was primarily formed to protect – Muslim interests.
The Anglo-Maratha wars demonstrated the British ability to – Use diplomacy and military force effectively.
The Arya Samaj was founded in which year? – 1875
The British adopted a policy of conciliation with which class after the 1857 revolt? – Landlords and princes.
The British East India Company consolidated its control over India primarily through – Strategic alliances and treaties.
The British policy of high land revenue collection caused: – Peasants to lose their lands to moneylenders.
The Buland Darwaza in Rajasthan, built during the Sultanate period, was designed as – A victory arch.
The capital of the Maratha Confederacy was – Pune
The commercialization of agriculture under British rule caused which of the following problems? – Vulnerability of farmers to market fluctuations.
The decline of cottage industries in India during British rule was primarily caused by – Competition from British machine-made goods.
The decline of India?s traditional industries during British rule resulted in: – Mass unemployment and poverty.
The De-industrialization of India during British rule refers to: – Decline of traditional industries.
The demand for separate electorates for Muslims was accepted in – The Morley-Minto Reforms.
The Doctrine of Lapse was introduced by – Lord Dalhousie.
The first session of the Indian National Congress was held in – Bombay
The Governor-General of Bengal was first appointed under which Act? – Regulating Act
The Indian Councils Act of 1861 was introduced as a result of – The Revolt of 1857.
The Indian National Congress was founded by – A.O. Hume.
The last stronghold of the Marathas to fall to the British was – Gwalior
The Mahalwari system was primarily implemented in: – Punjab and North-Western Provinces.
The main objective of the Moderates was: – Administrative reforms.
The Maratha Confederacy was a union of – Semi-autonomous regional rulers.
The Maratha Confederacy’s power reached its peak under – Baji Rao I.
The Marathas’ weakness in their clash with the British was – Disunity among Maratha leaders.
The Marathas were defeated in the Third Anglo-Maratha War by which Governor-General? – Lord Hastings.
The primary aim of the British economic policies in India was to – Maximize economic profits for Britain.
The primary cause of the First Anglo-Maratha War was – British interference in Maratha politics.
The provincial style of architecture in Rajasthan during the Sultanate period was influenced by – Persian architecture.
The Revolt of 1857 is also known as – Both A and B.
The Two-Nation Theory was a concept propagated by – Muhammad Ali Jinnah.
Under the Subsidiary Alliance, Indian rulers were required to – Maintain British troops.
What was the contribution of Ishwar Chandra Vidyasagar to social reforms? – Advocated widow remarriage.
What was the main demand of the Home Rule Movement? – Dominion status.
What was the main objective of the Ramakrishna Mission? – Religious and spiritual awakening.
Which British official passed the Sati Abolition Act in 1829? – Lord William Bentinck.
Which law was enacted in 1858 to regulate the administration of India? – Government of India Act.
Which leader played a pivotal role in the Hindu-Muslim unity pact in 1916? – Bal Gangadhar Tilak.
Which Maratha state became a subsidiary ally of the British after the Treaty of Bassein? – Peshwa
Which Mughal emperor was proclaimed the leader of the 1857 revolt? – Bahadur Shah Zafar.
Which of the following features is distinctive in the architecture of Mandu during the Sultanate period? – Use of local sandstone and basalt.
Which of the following methods was favored by the Extremists? – Boycotts and strikes.
Which of the following was a major cash crop grown in India under British rule? – Cotton
Which was a major cause of the Revolt of 1857? – All of the above
Who among the following was associated with the Swadeshi Movement? – Bal Gangadhar Tilak
Who is known as the ‘Grand Old Man of India’? – Dadabhai Naoroji
Who was the Nawab of Bengal during the Battle of Plassey (1757)? – Siraj-ud-Daulah.
BA – 5TH HINDI LITERATURE – IMP QUESTION
- मैथिलीशरण गुप्त की रचनाओं में किस प्रकार से भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और उसके विभिन्न पहलुओं का चित्रण किया गया है? उदाहरणों सहित स्पष्ट करें।
ANSमैथिलीशरण गुप्त की रचनाओं में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और उसके विभिन्न पहलुओं का चित्रण गहराई से किया गया है। उन्होंने अपने काव्य में राष्ट्रीयता, सामाजिक जागरूकता, और स्वतंत्रता संग्राम के प्रति लोगों की भावना को अभिव्यक्त किया है।
उदाहरण सहित स्पष्टता:
- “बृजकृष्ण का जीवनी”: इस रचना में उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपरा को उजागर किया है। इसमें ब्रजकृष्ण के माध्यम से वे स्वतंत्रता और स्वाभिमान की भावना को जागृत करते हैं, जो उस समय की सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देती है।
- “साकेत”: इस महाकाव्य में राम की कथा के माध्यम से गुप्त ने देशभक्ति और समाज सुधार के संदेश दिए हैं। उन्होंने राम को एक आदर्श नायक के रूप में प्रस्तुत किया है, जो अन्याय और शोषण के खिलाफ खड़े होते हैं, जिससे स्वतंत्रता की भावना को बल मिलता है।
- “पथिक”: इस कविता में वे यात्रा के माध्यम से जीवन के संघर्ष और आत्मनिवेदन का चित्रण करते हैं, जो स्वतंत्रता संग्राम के प्रति लोगों की जागरूकता को दर्शाता है।
- “नवजीवन”: इसमें गुप्त ने सामाजिक जागरूकता, शिक्षा और सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया है, जो उस समय के राजनीतिक बदलावों से सीधे जुड़े हुए हैं।
- जन-जन का चेहरा एक कविता का मुख्य संदेश क्या है, और यह किस प्रकार सामाजिक संघर्ष और मानवता से जुड़ा है?
ANSकविता “जन-जन का चेहरा एक” का मुख्य संदेशसामूहिकता और मानवताकी एकता है। यह कविता इस विचार को प्रस्तुत करती है कि सभी मनुष्य, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या पहचान कितनी भी भिन्न क्यों न हो, एक ही मानवता के प्रतिनिधि हैं।
मुख्य संदेश:
- समानता का संदेश: कविता यह स्पष्ट करती है कि भिन्नता के बावजूद, सभी लोग एक समान हैं और उनके चेहरों में एक समानता की छवि है। यह एकता सामाजिक संघर्षों में महत्वपूर्ण है।
- संघर्ष और क्रांति: कवि का यह मानना है कि सामाजिक अन्याय और शोषण के खिलाफ संघर्ष आवश्यक है। यह संघर्ष तब संभव है जब लोग मिलकर एकता से खड़े हों।
- मानवता का उत्थान: कवि यह संदेश देता है कि सामाजिक परिवर्तन केवल तब संभव है जब हम एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील और सहानुभूतिशील हों।
सामाजिक संघर्ष और मानवता से जुड़ाव:
- सामाजिक चेतना: कविता में व्यक्त विचार हमें सामाजिक चेतना को जगाने की प्रेरणा देते हैं। यह बताता है कि जब जन-जन एक होते हैं, तो वे सामूहिक संघर्ष में सफल हो सकते हैं।
- एकजुटता: यह कविता मानवता की एकता और भेदभाव को मिटाने की दिशा में काम करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
- संवेदनशीलता: इसके माध्यम से कवि यह भी इंगित करता है कि किसी भी सामाजिक संघर्ष में संवेदनशीलता और सहानुभूति का होना आवश्यक है, जिससे हम एक-दूसरे की पीड़ा और संघर्ष को समझ सकें।
- भारतेन्दु युग के साहित्य में राष्ट्रभावना और राजनीतिक चेतना का उदय किस प्रकार हुआ?
ANSभारतेन्दु युग (1868-1884) भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण दौर था, जिसमें राष्ट्रभावना और राजनीतिक चेतना का उदय हुआ। इस युग के साहित्य ने समाज में जागरूकता बढ़ाने और स्वतंत्रता संग्राम के लिए आधार तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राष्ट्रभावना और राजनीतिक चेतना का उदय:
- भाषा और साहित्य का जागरण:
- भारतेन्दु हरिश्चंद्र जैसे लेखकों ने हिंदी को एक सशक्त साहित्यिक भाषा के रूप में स्थापित किया। उन्होंने कविताएँ, नाटक और कहानियाँ लिखीं, जो समाज के विभिन्न मुद्दों को उठाती थीं। इससे लोगों में भाषा के प्रति लगाव बढ़ा और वे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर विचार करने लगे।
- सामाजिक मुद्दों की ओर ध्यान:
- इस युग में साहित्य ने सामाजिक सुधारों, जैसे जातिवाद, स्त्री शिक्षा, और सामाजिक असमानता पर ध्यान केंद्रित किया। इसके माध्यम से लोगों में जागरूकता बढ़ी और वे सामाजिक बुराइयों के खिलाफ खड़े होने लगे।
- स्वदेशी आंदोलन:
- भारतीय राष्ट्रवाद के उदय के साथ, स्वदेशी आंदोलन ने भी जोर पकड़ा। साहित्यकारों ने स्वदेशी वस्त्रों और उत्पादों को अपनाने का आह्वान किया, जिससे राष्ट्र भावना को बढ़ावा मिला।
- राजनीतिक कविताएँ और नाटक:
- कवियों ने अपनी रचनाओं में देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष और उपनिवेशी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई। नाटक, जैसे कि “नवजीवन” और “भारत दुर्दशा,” ने लोगों को राजनीतिक चेतना के प्रति जागरूक किया।
- प्रेरणादायक व्यक्तित्व:
- भारतेन्दु युग के लेखकों ने महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, और अन्य नेताओं के विचारों को भी अपने साहित्य में स्थान दिया, जिससे लोगों में राष्ट्रीयता की भावना और बढ़ी।