नकारात्मक भावनाएं शरीर में इंफ्लामेशन के सबसे खराब कारणों में से एक है, जो बीमारियों का कारण बनती हैं। जो भी हम खाते हैं उसका असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी सीधा पड़ता है। इसी तरह विचारों, भावनाओं और संवेदनाओं का सीधा असर हमारी आंतों पर पड़ता है। जहां तक बात आंतों की सेहत की है इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका गट माइक्रोबियम की है हमारा शरीर बिना इनके भोजन को पचाने, हार्मोंस के परिवर्तन और इम्यून सिस्टम के संचालन जैसा काम नहीं कर सकता है।
भोजन को आनंद के साथ खाएं ,जो खाएं उसका स्वाद लें, उसे महसूस करें। भोजन के समय किसी तरह के अफसोस या नकारात्मकता की भावना नहीं होनी चाहिए।
खुशी का 95% हार्मोन आंतों में बनता है